वैशाख माह हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना है. पंचांग के अनुसार, इस माह की पूर्णिमा तिथि पर विशाखा नक्षत्र होने के कारण इसका नाम वैशाख पड़ा है. इस माह को माधव के नाम से भी जानते हैं. वैशाख के महीने में भगवान विष्णु के मधुसूदन स्वरूप की पूजा करते हैं. श्रीहरि ने मधु नामक राक्षस का वध किया था, उसकी वजह से उनका एक नाम मधुसूदन भी है. वैशाख का महीना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है. इस माह में स्नान, दान और पूजा से संबंधित कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस साल वैशाख माह कब से शुरू हो रहा है? वैशाख माह का समापन कब होगा? वैशाख माह के नियम क्या हैं?

कब से शुरू है वैशाख 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 24 अप्रैल दिन बुधवार को प्रात: 05 बजकर 18 मिनट से हो रहा है और यह तिथि​ उस दिन पू​र्ण रात्रि तक है. वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 24 अप्रैल को है, इसलिए वैशाख महीना भी उस दिन से प्रारंभ हो रहा है.

वैशाख 2024 का समापन?
वैशाख माह का समापन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है. इस साल वैशाख पूर्णिमा 23 मई को है. इस वज​ह से वैशाख माह का समापन 23 मई को होगा.

सिद्धि योग और स्वा​ति नक्षत्र में शुरू होगा वैशाख
इस साल वैशाख का महीना सिद्धि योग और स्वाति नक्षत्र में प्रारंभ होागा. 24 अप्रैल को सिद्धि योग प्रात:काल से 25 अप्रैल को प्रात: 05:06 एएम तक है. वहीं स्वाति नक्षत्र 24 अप्रैल प्रात:काल से लेकर को देर रात 12:41 एएम तक है. ये दोनों ही शुभ माने जाते हैं.

वैशाख माह का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, वैशाख माह सभी महीनों से श्रेष्ठ माना जाता है. इसके समान कोई दूसरा महीना नहीं है. इस माह को पुण्यार्जन मास कहा जाता है. कहा जाता है कि वैशाख के महीने में सभी देवी और देवता का वास जल में होता है. भगवान विष्णु ने सभी देवी और देवताओं को ऐसा करने के लिए कहा था.

वैशाख मा​ह में करें 4 काम, हर संकट होगा दूर!
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मा​ह में जल का दान करना सबसे बड़ा दान माना जाता है. कहते हैं कि वैशाख मा​ह में जो भी व्यक्ति जल का दान करेगा, उसे कई तीर्थों के करने के पुण्य के समान फल प्राप्त होता है. स्कंद पुराण में जल दान के महत्व को बताया गया है.

2. जो व्यक्ति वैशाख के महीने में राहगीरों को जल पिलाता है, उनके लिए प्याऊ लगाता है, पशु-पक्षियों के लिए दाने की व्यवस्था करता है, उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

3. वैशाख माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर होते हैं और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विष्णु पूजा में तुलसी के पत्ते का उपयोग जरूर करें. इस माह में सूर्योदय से पहले स्नान करें, फिर विष्णु पूजा, दान, जाप और तप करें, इससे सुख-समृद्धि प्राप्त होगी.

4. वैशाख के महीने में जमीन पर सोना चाहिए. तला-भुना और मसालेदार भोजन से परहेज करें. दिन में एक समय भोजन करें. नया तेल शरीर में न लगाएं. ये काम करने से शरीर स्वस्थ्य रहेगा. रोग और दोष दूर रहेंगे.