महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है.महाकाल मंदिर में पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है.बाबा महाकाल के दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.यहां प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ के अलग-अलग तरह का श्रृंगार किया जाता है, जो विश्व प्रसिद्ध है. उज्जैन में सबसे खास महादेव की भस्म आरती मानी जाती है, जो ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां एक बार दर्शन करने मात्र से भक्तों की हर काम सिद्ध हो सकते हैं.
धार्मिक नगरी उज्जैन मे शिव के साथ शक्ति भी विराजमान है.क्षिप्रा नदी के पास बना देवी हरसिद्धि का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब महादेव देवी सती के जलते हुए शरीर को तांडव करते हुए ले जा रहे थे. तब भगवान विष्णु ने अपना चक्र चलाया था. जिससे माता सती का शरीर 51 भागों में विभाजित हो गया था. मान्यता है कि यहां पर देवी सती की कोहनी गिरी थी. इस मंदिर में महासरस्वती और महालक्ष्मी की प्रतिमा के बीच गहरे लाल रंग की चित्रित देवी अन्नपूर्णा की एक मूर्ति है. इस मंदिर के दर्शन करने से भक्तों के जीवन में खुशहाली आती है.
उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों में काल भैरव का मंदिर भी प्रमुख स्थान रखता है. काल भैरव भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है. इन शास्त्रों के अनुसार काल भैरव को तंत्र पंथ से जोड़कर देखा जाता है. जो काले जादू पर आधारित एक गुप्त धार्मिक संप्रदाय है. महा शिवरात्रि पर काल भैरव मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहा भेरू महाराज कि प्रतिमा शराब ग्रहण करती है यह चमत्कार देखने को देश विदेश से श्रद्धांलु आते है.
उज्जैन मे मंगलनाथ का मंदिर बेहद प्रशिद्ध है. धार्मिक ग्रंथ मत्स्य पुराण के अनुसार, लाल ग्रह मंगल का जन्म इसी स्थान पर हुआ था. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, मंगलनाथ में पूजा करने से भक्त बुरी चीजों से छुटकारा पा सकते हैं. इसके अलावा, इस मंदिर में मांगलिक दोष के निवारण के लिए भी पाठ कराए जाते हैं.जिसके लिए श्रद्धालु देश विदेश से आते है.
महाकाल कि नगरी मे भव्य संरचना और धार्मिक आस्था का एक और पवित्र स्थान चौबीस खंबा मंदिर उज्जैन में भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस मंदिर में नवरात्रि और शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी जाती है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, आस्था का प्रमुख स्थल चौबीस खंबा मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के कई बिगड़े काम बन जाते हैं.और यहा नवरात्री कि अस्टमी पर माता को शराब का भोग भी लगाया जाता है.