नई दिल्ली । विश्व सहकारी आर्थिक मंच हिमालय क्षेत्र में विदेशी बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर-केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान सहित कई संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। इस मंच की स्थापना भारत में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए की गई है। विश्व सहकारी आर्थिक मंच ने एक बयान में कहा कि वह भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई), आईसीएआर-केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईटीएच), कंफेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) सहित विभिन्न संस्थानों के साथ सहयोग करेगा। बयान के मुताबिक शुरुआत में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में हेजलनट, अखरोट और अन्य विदेशी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। ये संस्थान इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के अलावा कौशल प्रशिक्षण देंगे और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में युवाओं को बताएंगे।