बीजापुर : पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत और सरपंचों के कार्य को क्षमता विहीन बताया। जबकि यह उनके अधिकारों का है। विधायक आदिवासी सरपंचों का अपमान कर रहे हैं। वहीं विधायक विक्रम मंडावी ने गागड़ा के आरोप को बेकार बताया है। अपने जारी बयान में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता महेश गागड़ा ने विधायक विक्रम मंडावी पर आरोप लगाते कहा है कि विधायक अपने चेहतों के माध्यम से काम कर मोटी रकम बनाने का काम कर रहे हैं। साथ ही एक भारतीय लोक सेवा के अधिकारी भी नियम प्रक्रिया के संरक्षण और संचालन के जिम्मेदार है। गागड़ा ने कहा कि बीजापुर में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। उन्होंने इसे नियम विरुद्ध जाकर कमीशन खाने का अभियान चलाना बताया है। उन्होंने कहा कि वे इसकी निंदा करते हैं।

पूर्व मंत्री गागड़ा ने आगे कहा है कि सूबे के मुखिया पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में पंचायतों को मजबूत और सशक्त हस्ताक्षर की बात करते हैं। वहीं उनके विधायक सरपंचों और ग्राम पंचायतों का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा पंचायतों को पचास लाख तक के कार्यों का अधिकार दिया गया है। परंतु पूरे प्रदेश में पचास लाख तक का कार्य तो दूर पांच हजार तक का काम भी इनके विधायक कर रहे हैं और सरपंच अपने आपको को बेबस होने के साथ ठगा महसूस कर रहे हैं। 

वहीं बीजापुर विधायक विक्रम मन्डावी ने भाजपा नेता महेश गागड़ा द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताते हुए कहा कि जनता के कार्यों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द और सुचारू रुप से कार्य करने के लिए जन प्रतिनिधियों द्वारा समय समय पर पत्र लिखा जाता है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई लाभ या निजी स्वार्थ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के नेता आगामी चुनाव में अपनी हार को देखते हुए इस प्रकार बेकार के आरोप लगा रहे हैं।