नई दिल्ली । भारत में  एक बड़ी आबादी एनीमिया रोग से पीड़ित है। इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। एम्स नई दिल्ली ने एक ऐसा जेनेरिक स्वदेशी सिंगल डोज विकसित किया है। इस इंजेक्शन के एक डोज के माध्यम से गंभीर एनीमिया से पीड़ित मरीज और गर्भवती महिलाओं का इलाज हो सकेगा।
दिल्ली एम्स में इसका सफल ट्रायल हो चुका है। भारत अभियान के तहत इसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। एम्स के डॉक्टरों को उम्मीद है, नैनो मॉलिक्यूल पर आधारित यह इंजेक्शन गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 के अनुसार देश में 52।2 फ़ीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं जिनका हीमोग्लोबिन भी काफी कम होता है।
एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर कपिल यादव का कहना है। एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को रक्त चढाना पड़ता है।आयरन के इंजेक्शन देने पड़ते हैं। जो नया डोज तैयार किया गया है। उसे गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या को देखते हुए तैयार किया गया है। जो पूरी तरह से सुरक्षित और असरकारी ट्रायल में पाया गया है। यह पूर्ण रूप से जेनेरिक स्वदेशी इंजेक्शन है। इसकी कीमत भी मात्र 300 रूपये है। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत इसे शामिल किए जाने के बाद यह एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को निशुल्क उपलब्ध होगा।