लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सांसद और विधायक अपने संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में विकास योजनाओं के लिए आदर्श आचार संहिता लागू रहने तक कोई नया फंड रिलीज नहीं होगा। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद लागू हुई आदर्श आचार संहिता के तहत जारी दिशा निर्देशों के क्रम में सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है। 
उन्होंने जिलाधिकारियों-जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र जारी कर भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को लोक सभा सामान्य निर्वाचन के साथ ही प्रदेश में ददरौल (शाहजहांपुर), लखनऊ पूर्व, गैसडी (बलरामपुर) और दुद्धी (सोनभद्र) में विधान सभा उपचुनावों की भी घोषणा की है। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव और राज्यों में उपचुनाव को लेकर लागू आचार संहिता के तहत सांसदों और विधायकों की विकास निधि को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि संसद सदस्य (राज्य सभा सदस्यों सहित) स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन नई निधि जारी नहीं की जाएगी। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक विधायक/विधान परिषद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी। 
साथ ही उन्होंने कहा कि यदि पत्र के जारी होने से पहले किसी विकास कार्य के लिए वर्क ऑर्डर जारी होने के बावजूद कार्य शुरू नहीं हुआ है तो ये काम चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शुरू हो सकते हैं। हालांकि, अगर कोई काम आचार संहिता लागू होने से पहले शुरू हो चुका है, तो वह जारी रह सकता है। दिशा निर्देशों में ये भी कहा गया है कि जो कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, उनके लिए भुगतान जारी करने पर कोई रोक नहीं होगी। हालांकि इसके लिए अधिकारियों की पूर्ण संतुष्टि आवश्यक होगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में योजनाएं मंजूर कर ली गई हैं और निधि उपलब्ध कराई गई हैं या जारी की गई हैं और सामग्री खरीदी गई है और साइट पर पहुंच गई है, ऐसी योजना कार्यक्रम के अनुसार निष्पादित की जा सकती है।