खड़गे बने कांग्रेस के नए आलाकमान
नई दिल्ली कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद नया अध्यक्ष मिल गया है। चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को करीब सात हजार वोट से हरा दिया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, खड़गे को 7 हजार 897 वोट मिले। वहीं, शशि थरूर को एक हजार वोट ही मिल सके। 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए। हालांकि, वोटों की गिनती के बीच ही राहुल गांधी ने बता दिया था कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले आंध्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने कहा था- अब मेरा रोल भी खड़गे जी ही तय करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल ने बुधवार को आंध्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान जब मीडिया ने कांग्रेस में उनके भावी रोल पर सवाल किया तो राहुल ने जवाब दिया- खड़गेजी से पूछो, वही तय करेंगे मेरा रोल।
राहुल बोले- कांग्रेस अकेली पार्टी, जहां चुनाव होते हैं
भारत जोड़ो यात्रा में आंध्र प्रदेश पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, 'कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जिसमें इलेक्शन होता है और उसका अपना इलेक्शन कमीशन है। मैंने कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री के साथ काम किया। वे काफी स्पष्ट वक्ता हैं। सारे मसले उनकी नजर में लाए गए हैं और वही एक्शन लेंगे। हर कोई कांग्रेस में चुनाव के बारे में पूछता है। मुझे कांग्रेस पर फख्र है, जिसमें ओपन और ट्रांसपेरेंट चुनाव हो रहे हैं। कोई दूसरी पार्टियों के भीतर चुनाव में इंट्रेस्ट क्यों नहीं लेता, चाहे वो भाजपा हो या दूसरी क्षेत्रीय पार्टियां?'
थरूर खेमे ने गड़बड़ियों का आरोप लगाया था
काउंटिंग के दौरान थरूर के चीफ इलेक्शन कैंपेनर सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया। सोज ने कहा- हमने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है।
नतीजों से तय हुआ कांग्रेस का 65वां अध्यक्ष
इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वें नेता बन गए हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।
आखिरी बार 1998 में वोटिंग से हुआ था चुनाव
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।
ऐसे हुई AICC प्रेसिडेंट इलेक्शन की काउंटिंग
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए 24 साल बाद हुए चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 10 बजे शुरू हुई। चुनाव के लिए देशभर की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में बैलेट बॉक्स भेजे गए थे। 17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद मतपेटियां नई दिल्ली के 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाई गई थीं। यहीं उनकी काउंटिंग की गई। बुधवार को काउंटिंग शुरू होने से पहले मतपत्रों को आपस में मिक्स कर दिया गया, ताकि यह पता न चल सके कि किस उम्मीदवार को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं। इसके बाद वोटों की छंटनी की गई। इस प्रक्रिया के बाद 50-50 मतपत्रों के बंच बनाकर उनकी काउंटिंग की गई। इस दौरान हर बंच की गिनती का रिकॉर्ड रखा गया।
36 पोलिंग स्टेशन पर 67 बूथों में हुई थी वोटिंग
कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) ने चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशनों पर 67 बूथ बनाए थे। सबसे ज्यादा 6 बूथ UP में थे। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला था। यहां यात्रा के कैंप पर एक कंटेनर में अलग से बूथ बनाया गया था।
काउंटिंग से पहले खड़गे और थरूर ने दिए दोस्ताना बयान
1. शशि थरूर- कांग्रेस की किस्मत का फैसला कार्यकर्ता करेंगे। कांग्रेस में परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। मैंने खड़गे जी से बात की है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। परिणाम कुछ भी हो, हम सहयोगी बने रहेंगे।
2. मल्लिकार्जुन खड़गे- यह हमारे आंतरिक चुनाव का हिस्सा है। हमने एक-दूसरे से जो कुछ भी कहा वह मैत्रीपूर्ण ही है। हमें मिलकर पार्टी बनानी है। थरूर ने मुझे फोन किया और शुभकामनाएं दीं और मैंने भी उन्हें मुबारकबाद दी है।