विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर को कूटनीतिक भाषा में बखूबी समझा दिया है कि क्यों दोनों देशों को एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखना होगा। मूसा दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली आए हैं, गुरुवार को उनकी जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों तरफ से बताया गया है कि विदेश मंत्रियों की बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तार से बात हुई है।बता दें कि मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद मुइज्जू की अध्यक्षता में नई सरकार का गठन हुआ है। राष्ट्रपति मुइज्जू चीन समर्थक हैं और सत्ता में आने से पहले से ही वह भारत विरोधी गतिविधियों को हवा देते रहे हैं। उनके सत्ता में आने के बाद चीन की सक्रियता भारत के लिए बेहद अहम इस छोटे से द्वीप देश में बढ़ गई है।विदेश मंत्री जमीर के साथ हुई बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि बेहद करीबी पड़ोसी होने की वजह से हमारे रिश्तों का विकास आपसी हितों व एक दूसरे की संवेदनाओं का ख्याल रखने से होगा। जहां तक भारत का सवाल है तो हमारे लिए पड़ोसी प्रथम और सागर (क्षेत्र में सभी की सुरक्षा व संपन्नता) नीति ही आधार है। मुझे उम्मीद है कि आज की बैठक से कई क्षेत्रों में हमें एक-दूसरे के विचारों को समझने का मौका मिलेगा।