सरकार ने डीजल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में बढ़ोतरी कर दी है. नए बदलाव के बाद अप्रत्याशित लाभ कर को एक रुपये रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जबकि घरेलू स्तर पर उत्पादन किए जाने वाले क्रूड ऑयल पर टैक्‍स में कटौती की गई है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई. इसमें बताया गया कि ओएनजीसी (ONGC) जैसी तेल उत्पादक कंपनियों के कच्चे तेल उत्पादन पर लगने वाले शुल्क को 4,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 3,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है.

एक रुपये प्रति लीटर हुआ

डीजल निर्यात पर टैक्‍स 0.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर एक रुपये प्रति लीटर किया गया है. विमान ईंधन एटीएफ (ATF) पर लगने वाले टैक्‍स में कोई बदलाव नहीं है और यह शून्य बना हुआ है. आदेश में कहा गया कि नई टैक्‍स रेट 21 मार्च से प्रभाव में आएंगी. जमीन एवं समुद्र के भीतर से उत्खनित कच्चे तेल का शोधन कर उसे पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन जैसे अलग-अलग ईंधनों में बदलाव किया जाता है.

डीजल न‍िर्यात में आ सकती है कमी

बीते चार मार्च को सरकार ने डीजल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती करते हुए 0.50 रुपये प्रति लीटर करने के साथ ही विमान ईंधन एटीएफ पर लगने वाले कर को शून्य कर दिया था. सरकार ने गत वर्ष जुलाई में पहली बार तेल उत्पादक कंपनियों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था. इस बदलाव के बाद डीजल के न‍िर्यात में कमी आ सकती है और घरेलू बाजार में भी इसका असर द‍िखाई दे सकता है.