जगदीप धनखड़ की ओर से कल सोमवार को उपराष्ट्रपति के पद से अचानक इस्तीफा दिए जाने के बाद सियासी माहौल गरम हो गया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को अपने इस्तीफे की वजह बताई है. अब पीएम नरेंद्र मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में कहा, “जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.”

तत्काल प्रभाव से छोड़ा VP पद
इससे पहले सोमवार देर शाम धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफे में धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

राष्ट्रपति ने धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति की ओर से इस्तीफा स्वीकार करने के बाद गृह मंत्रालय को अगली कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है. माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय थोड़ी देर में उपराष्ट्रपति पद पर गजट नोटिफिकेशन जारी करेगा.

2027 तक था धनखड़ का कार्यकाल
इस बीच जगदीप धनखड़ की ओर से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आज मंगलवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन की सुबह की कार्यवाही की अध्यक्षता की. चूंकि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं. अमूमन धनखड़ ही दिन की शुरुआत में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता किया करते थे.

74 साल के जगदीप धनखड़ ने 3 साल पहले अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. लेकिन धनखड़ का इस्तीफा संसद के वर्तमान मानसून सत्र के पहले ही दिन आ गया.

कुछ दिन पहले उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एंजियोप्लास्टी हुई थी. इस साल मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इस्तीफे पर विपक्ष का सवाल
हालांकि अचानक हुए इस्तीफे पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस का कहना है कि धनखड़ का यह इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है और साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया.

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने कल साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी. फिर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बड़ा घट गया कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रीजीजू कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में नहीं पहुंचे. वह मानदंडों, मर्यादाओं और नियमों को लेकर बेहद अलर्ट थे और उनका मानना था कि उनके कार्यकाल में इन नियमों की लगातार अवहेलना की जा रही थी. विपक्ष की ओर से किए जा रहे सवाल पर सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है.