नई दिल्ली । देश में  महिला और पुरुषों के बीच बराबरी की बात लगातार होती हैं। वर्तमान समय में महिलाएं भी राजनीति में सक्रियता दिखाती हैं। कई महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने कि राजनीति में खुद को साबित भी किया है। हालांकि अभी भी महिलाओं की राजनीति में सक्रियता पुरुषों से की तुलना में काफी कम है। इस बीच कानून मंत्रालय की ओर से एक आंकड़ा जारी किया गया है। इस आंकड़े में यह बताने की कोशिश की गई है कि किन राज्यों में कितनी महिलाएं सांसद या फिर विधायक हैं। कानून मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार महिलाओं की राजनीति में भूमिका ज्यादा है। देश की संसद और ज्यादातर विधानसभाओं में भी महिलाओं की भागीदारी 15 प्रतिशत से भी कम है। इतना ही नहीं देश के इसतरह के 19 राज्य भी हैं जहां विधानसभा में 10 प्रतिशत से कम महिला विधायक हैं। 
आंकड़ों के मुताबिक बिहार में महिलाओं की राजनीति में भागीदारी 10.70 प्रतिशत है। वहीं उत्तर प्रदेश में 11.66 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ इस मामले में सबसे आगे हैं। यहां 14.44 प्रतिशत महिला राजनीति में हैं। हरियाणा में 10 प्रतिशत झारखंड में 12.35 प्रतिशत पंजाब में 11.11 प्रतिशत राजस्थान में 12 प्रतिशत उत्तराखंड में 11.43 प्रतिशत हैं। बंगाल में यह आंकड़ा 13.70 प्रतिशत और दिल्ली में 11.43 प्रतिशत है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि केरल और कर्नाटक जैसे विकसित राज्य में महिलाओं के राजनीति में हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है। जिन राज्यों में महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है उनमें आंध्र प्रदेश असम गोवा गुजरात हिमाचल प्रदेश केरल कर्नाटक मध्य प्रदेश महाराष्ट्र मणिपुर उड़ीसा सिक्किम तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं। 
इन राज्यों की विधानसभा में 10 प्रतिशत से भी कम महिला विधायक हैं। हाल में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। गुजरात में जहां महिलाओं की हिस्सेदारी 8.2 प्रतिशत है। वहीं हिमाचल प्रदेश में सिर्फ एक महिला ही विधायक है। लोकसभा में महिला प्रतिनिधियों के हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत है। वहीं राज्यसभा में 14.05 प्रतिशत है। देश भर की विधानसभाओं में महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी की औसत पर डालें तो यह 8 फ़ीसदी के आसपास रहता है।