6 विभाग बंद, 1 बंद होने की कगार पर, मरीजो की हो रही फजीहत

भोपाल। गंभीर बीमारियों  से पीड़ीत गैस पीड़ीतो के इलाज के लिये बनाये गये बीएमएचआरसी हॉस्पिटल की हालत इन दिनों काफी खराब चल रही है। आलम यह है कि 6 विभाग बंद हो चुके है, वहीं 1 विभाग बंद होने की कगार पर है। इसकी बदहाली को लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी हालत नहीं सुधार पा रहे है। गंभीर बीमारियों के इलाज की कोई व्यवस्था न होने से गैस पीड़ित मरीज इलाज के लिए भटक रहे है। यह बात रशीदा बी, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, शहजादी बी, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, बालकृष्ण नामदेव, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा और रचना ढिंगरा, भोपाल ग्रुप फॉर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन संगठनो ने सयुंक्त रुप से जारी प्रैस विज्ञप्ति मे कही है। उनका कहना है कि गैस पीड़ितों के इलाज के लिए बनाये गये भोपाल मैमोरियल की हालत बहुत खराब है,. पहले से ही अस्पताल के मुख्य 4 विभाग ( न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो मेडिसिन, कैंसर, नेफ्रोलॉजी) बंद है। वहीं फरवरी के अंत में सीटीवीएस विभाग भी बंद हो गया। इसकी वजह से कई गैस पीड़ित जिन्हे बायपास सर्जरी की जरूरत है, उन्हे बोला जा रहा है, कि किसी निजी अस्पताल में इलाज करवा ले। उनका कहना है कि इस महीने के अंत में हृदय विभाग भी बंद होजाएगा क्योंकि विभाग के 2 डॉक्टर ने भी इस्तिफा देने जा रहे है। संगठनो के सदस्यो का कहना है कि गैस राहत विभाग द्वारा संचालित गैस राहत अस्पतालो में से किसी में भी कार्डियोलॉजी या सीटीवीएस से सबधित कोई इलाज और सर्जरी नही होती। ऐसे में गैस पीड़ित मरीज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होंगे। गैस पीड़ित संगठनों ने आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिखकर बएमएचआरसी की खराब स्थिति से अवगत कराते हुए तुरंत डाक्टरों की भर्ती करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति को चिट्ठी लिखकर भी आग्रह किया है कि समिति सुनिश्चित करे कि जिन गैस पीड़ितो की हार्ट की सर्जरी होनी है, उनके लिए तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गैस पीड़ितों को सही और त्वरित इलाज दिया जाए।