नई दिल्ली । श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की जमानत याचिका पर साकेत कोर्ट में सुनवाई की गई। अदालत ने पूछा कि आरोपी ने अपने लिए वकील रखा है या नही। दरअसल अदालत को बताया गया था कि आफताब की तरफ से वकालतनामा आ चुका है लेकिन जज ने कहा कि तिहाड़ जेल से उनके पास ईमेल से जो रिपोर्ट आई है उसमें आफताब ने किसी वकील को नहीं रखा है। कोर्ट ने उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए पेश करने के लिए कहा। 
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आफताब से अदालत ने पूछा क्या आप जमानत याचिका दाखिल करना चाहते हैं? उसने कहा कि पहले मैं अपने वकील से बात करूंगा फिर जमानत याचिका दाखिल करने पर विचार करूंगा। अदालत ने श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी से पूछा जब जमानत याचिका नहीं दायर करने की मंशा थी तो वकालतनामा पर​ हस्ताक्षर क्यों किए थे? इसके जवाब में आफताब पूनावाला ने कहा वकालतनामा पर हस्ताक्षर मैंने किए थे लेकिन मुझे पता नहीं था कि मेरी ओर से जमानत याचिका दायर की जाएगी। इसलिए मैं अपने वकील से मिलना चाहता हूं।
कोर्ट ने कहा कि सोमवार को आपके वकील आपसे मुलाकात करेंगे। अपने वकील से बात करने के बाद आफताब बताएगा कि वह जमानत याचिका लगाना चाहता है या नहीं। इस मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। पूनावाला की ओर से दायर जमानत याचिका में दलील दी गई है कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और पुलिस को अब चार्जशीट दाखिल करनी होगी।
आरोपी के वकील अविनाश कुमार ने इस मामले को लेकर कहा है कि जमानत अर्जी में लिए गए आधार में यह तर्क भी शामिल है कि आरोपी को आगे न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। साथ ही याचिका में कहा गया है कि आगे की न्यायिक हिरासत आफताब के करियर और भविष्य को नुकसान पहुंचाएगी। 
श्रद्धा मर्डर केस में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। महरौली के जंगलों से पुलिस ने जो हड्डियां बरामद की थीं उसके नमूने श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर से मैच हो गए हैं। सीएफएसएल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। यानी ये हड्डियां श्रद्धा की ही थीं यह वैज्ञानिक आधार पर साबित हो गया है। इतना ही नहीं डीएनए रिपोर्ट में आफताब के महरौली स्थित फ्लैट के बाथरूम और किचन से मिले खून के ट्रेसेस भी श्रद्धा से मैच कर गए हैं। पुलिस ने ये सबूत आफताब की निशानदेही पर ही महरौली छतरपुर और गुरुग्राम के जंगलों से इकट्ठे किए थे। इस दौरान एक मानव जबड़ा भी मिला था।
डीएनए टेस्ट के लिए श्रद्धा के पिता का सैंपल लेकर सभी बरामद सबूतों के साथ सीएफएसएल भेजा गया था। आफताब ने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया था। दोनों मुंबई के रहने वाले थे और वारदात से कुछ दिन पहले ही दिल्ली शिफ्ट हुए थे। यहां महरौली में किराए का फ्लैट लिया था और लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। आफताब ने बताया था कि श्रद्धा से उसका 18 मई को झगड़ा हुआ था। इसके बाद उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव के 35 टुकड़े किए और 300 लीटर के फ्रिज में स्टोर कर दिया। वह रोज रात में श्रद्धा के शव के टुकड़ों को महरौली के जंगल में फेंकने जाता था। 
श्रद्धा की हत्या के बाद भी आफताब उसी फ्लैट में रहता रहा। यहां तक कि वह श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट्स भी इस्तेमाल करता रहा ताकि किसी को उसकी हत्या का शक न हो। आफताब ने श्रद्धा के बैंक अकाउंट से 54 हजार रुपए भी ट्रांसफर किए थे। उन्हीं पैसों से उसने फ्रिज खरीदा था। श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन और बैंक अकाउंट डिटेल से ही पुलिस आफताब तक पहुंची थी और 12 नवंबर को उसे गिरफ्तार किया था।