एलियंस की कहानी

दोस्तो, एलियंस का नाम सुनकर ही तुम चौंक जाते होगे। तुम्हारे जेहन में फिल्म 'कोई मिल गया' के एलियन की छवि आ जाती होगी। दुनिया में एलियंस को लेकर हर कोई जानना चाहता है। इनके अस्तित्व को जानने-समझने के लिए हाल ही में लोन सिग्नल प्रोजेक्ट के तहत ब्रह्मांड में बीप मैसेज भेजा गया। इस मौके पर आओ जानते हैं एलियंस की कहानी..
-एलियन शब्द का अर्थ होता है बाहर का यानी जो हमारे आस-पास का न हो। आमतौर पर इस शब्द को दूसरे ग्रहों के प्राणियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
-एलियंस के लिए ईटी यानी एक्स्ट्रा टेरेसटेरियल लाइफ टर्म का इस्तेमाल भी होता है।
-बहुत से लोग एलियंस के होने पर भरोसा नहीं करते, मगर नासा के पूर्व एस्ट्रोनॉट और चांद पर जा चुके डॉ. एगर मिशेल एलियंस को मानते हैं। उन्होंने एलियंस को देखा नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि वे अस्तित्व में हैं।
-उनके अनुमान के मुताबिक, वे ग्रे कलर के छोटे सिर, चौड़े माथे, बड़ी व मोटी आंखों वाले होते हैं और उनकी छाती व टांगें बहुत छोटी होती हैं।
-एलियंस की सवारी को आम तौर पर यूएफओ कहते हैं। यूएफओ का मतलब है- अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट। इन्हें उड़नतश्तरियां भी कहते हैं। पहला यूएफओ 1676 में एडवर्ड हैली ने देखा था।
-हाल ही में विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने भी कहा था कि एलियंस हमारी पृथ्वी के आसपास ही हैं। वे लगातार हम पर और हमारी गतिविधियों पर नजर भी रख रहे हैं।
लोन सिग्नल प्रोजेक्ट
-अब तक एलियंस की मौजूदगी पर रहस्य बना हुआ है, पर लोन सिग्नल प्रोजेक्ट के मुख्य मार्केटिंग ऑफिसर अर्नेस्टो के मुताबिक अब हम जान सकेंगे कि ब्रह्मांड के किसी कोने पर एलियंस मौजूद हैं।
-प्रोजेक्ट के अंतर्गत वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक बिंदु चुना है। कैलिफोर्निया का जेम्सबर्ग अर्थ स्टेशन तारामंडल ग्लीज-526 को संदेश भेजेगा। ग्लीज 17.6 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
-लोन सिग्नल ने प्रोजेक्ट के मुख्य साइंस ऑफिसर के मुताबिक, ग्लीज-526 पर एलियंस के होने की संभावना हो सकती है। ग्लीज को संदेश भेजने के लिए विभिन्न प्रकार की वेव्स का उपयोग किया गया।
-केपलर द्वारा खोजा गया नया 'केपलर-11' ही वह ग्रह है, जिसे एलियंस की एक नई दुनिया कहा जा रहा है। सूर्य जैसे दिखने वाले 'केपलर-11' के कक्ष में 6 अन्य ग्रह चक्कर लगाते हैं।
-चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक आदमी ली की 'एलियन' के साथ तस्वीर ने धूम मचा रखी है। इस व्यक्ति का दावा है कि मार्च में एक उड़नतश्तरी उसके घर के बाहर गिरी थी, तब वह इस 'एलियन' को उठाकर अपने साथ ले आया और उसे फ्रिज में रख दिया था।
एसकेए
-यूएफओ परियोजना के पूर्व प्रमुख निक पोप ने कहा कि स्क्वोयर किलोमीटर एरे (एसकेए) नामक वृहदाकार दूरबीन के विकास से यह जाना जा सकेगा कि ब्रह्मांड में कहीं और जीवन है या नहीं।
-एसकेए का काम 2016 में शुरू होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन होगी, जिसमें हजारों रिसेप्टर लगे होंगे।