जीवित रहते छपवा दिए खुद की तेरहवीं के कार्ड, पत्नी और बेटा भी जता रहे सहमति, जानें क्या है मामला
दमोह । धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक इंसान की मृत्यु के बाद ही उसका अंतिम संस्कार और तेरहवीं कार्यक्रम होता है, लेकिन दमोह शहर के फुटेरा वार्ड एक में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी जिंदा रहते ही खुद अपनी तेरहवीं करा रहे हैं। उनके इस निर्णय में पत्नी ममता सोनी और बेटे प्रवीण सोनी की पूर्ण सहमति है। 31 मार्च को यह तेरहवीं कार्यक्रम होगा। सोनी ने कहा कि इस दिन मुझे भी मृत समझा जाए।
दो साल पहले लिया था संकल्प
रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी का कहना है कि उनके मन में दो साल पहले यह भाव आया था। इसलिए तिथि निर्धारित करने उन्होंने नाते रिश्तेदारों को विस्मरण पत्र भेजा है। वे 31 मार्च को श्री देव बांके बिहारी ताम्रकार मंदिर में तेरहवीं का आयोजन करने जा रहे हैं। अब तक उन्होंने 300 से ज्यादा आमंत्रण वितरित करा दिए हैं।
शासकीय रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी 63 ने अपने निधन से पहले अपनी तेरहवीं करा रहे हैं। उन्होंने जो आमंत्रण पत्र छपवाया है। उसमें स्पष्ट उल्लेख किया है कि सूचित करना पड़ रहा है कि जय प्रकाश सोनी की आत्मा का निधन हो गया है। उनके आत्म विहीन शरीर के स्वस्थ रहने के लिए स्वल्पाहार का आयोजन किया जा रहा है। सोनी ने बताया कि उनका भरा पूरा परिवार है। बेटा प्रवीण सोनी उनकी पूरी देखरेख करता है। मगर उनके मन में ऐसा भाव आया है। इसलिए उन्होंने रिश्तेदार और परिचितों के बीच में तेरहवीं का कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया। वे सभी को जीवित रहते हुए खुद का मृत्यु भोज दे रहे हैं। सोनी ने इसके लिए बकायदा कार्ड छपवाया है। जिसमें 31 मार्च को आमंत्रित किया है। सोनी ने बताया उनके पिताजी का निधन 30/8/1990 को हुआ था माताजी का निधन 31/10/2009 को हुआ था। इसी तारीख को उन्होंने अपने माता-पिता की तिथि समझा और 31/3/2024 को उन्होंने भी अपने निधन की तारीख बताई। उन्होंने कहा कि धरती पर अब केवल उनका शरीर रहेगा, जिसमें आत्मा नहीं रहेगी।