मॉस्को। इस वक्त पूरी दुनिया में हथियार बनाने की होड़ लगी हुई है। सभी को लगता है कि ज्यादा से ज्यादा हथियार रखेंगे तो सुरक्षित हो जाएंगे। इसी सोच के चलते चीन और उत्तर कोरिया के अलावा कई देशों ने घातक हथियारों का जखीरा बनाना शुरु कर दिया है। यूक्रेन-रुस और हमास-इजराइल के बीच चल रही जंग ने इस सोच को और अधिक बढ़ावा दिया है। रुस के मंत्री ने खुले आम दावा किया है कि वो हथियारों के मामले में दुनिया से कम नहीं है। कुछ इसी तरह का इशारा करते हुए रूस के शीर्ष मंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा है कि हथियारों के उत्पादन में पश्चिम की तुलना में रूस का दबदबा है और वह इस बढ़त को बनाए रखने का इरादा रखता है। 
हथियार उत्पादन को लेकर हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा है कि तोपखाने, ड्रोन, टैंक और बख्तरबंद वाहनों को बढ़ाने पर उनका ध्यान है। पश्चिम के कुछ नेताओं की ओर से भी कहा गया है कि एक तरफ रूस और चीन तो दूसरी तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों के होने की वजह से एक नए शीत युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं।रूस में हथियार उत्पादन का काम देख रहे मंत्री मंटुरोव ने आगे कहा कि मैं घमंड नहीं करना चाहता लेकिन कह सकता हूं कि हमने पश्चिमी देशों की तुलना में पहले काम करना शुरू कर दिया और हथियार उत्पादन की गति पकड़ ली। अब हम उनसे काफी आगे निकल गए हैं। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला कर दिया था, जिसने यूरोप में रूस और पश्चिम देशों के बीच एक गहरे टकराव को जन्म दे दिया है। 
पश्चिम के देश यूक्रेन को समर्थन दे रहे हैं तो रूस लगातार पीछे ना हटने की बात कह रहा है। यूक्रेन के युद्ध क्षेत्रों में रूसी सेना को हराने के प्रयास में यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थकों ने हथियारों का उत्पादन बढ़ा दिया है। दूसरी ओर रूस ने भी अपने हथियारों का उत्पादन बढ़ाया है।मंटुरोव ने कहा, हमें हथियार भंडार को फिर से भरना होगा और उत्पादन की दर को बनाए रखना होगा। 2023 में स्टेट रक्षा ऑर्डर की मात्रा पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी हो गई है और कुछ हथियारों का उत्पादन दस गुना तक बढ़ गया है। हथियारों के उत्पादन को देखने वाले डेनिस मंटुरोव ने एक तरफ पश्चिमी देशों की तुलना में रूस से बढ़त लेने की बात कही है, वहीं उन्होंने हथियारों की होड़ के लिए पश्चिम देशों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जहा तक पश्चिमी देशों की बात आती है तो मैं उनके लिए बोलना नहीं चाहूंगा। सवाल यह है कि यह दौड़ कितने समय तक चलेगी।